साहब, मेरा नाम मुकीम है। हम सीतापुर के हैं और इस समय तमिलनाडु में फंसे हुए हैं। आठ-नौ लोग सेलम (तमिलनाडु) में हैं, घर आना है। कुछ मदद करिए। साहब, मैं रूप नारायण भुवनेश्वर, उड़ीसा में फंसा हुआ हूं। कुछ करिए, बहुत परेशान हूं। हम दस लोग हैं और हिमाचल प्रदेश के सोलमपुर में फंसे हैं।
मुकीम और रूपनारायण की तरह ही दूसरे प्रदेशों में फंसे जिले के कई लोग कुछ इसी तरह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर मदद की गुहार लगा रहे हैं। घर वापसी का इंतजार कर रहे इन लोगों को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से बड़ी उम्मीदें हैं। हेल्पलाइन नंबर पर हेल्प मांगने के बाद कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम में का जिम्मा संभाल रहे अधिकारी इन लोगों को वापस लाने की जुगत में लग गए हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से मदद मांगने वाले लोग मुंबई, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली व उड़ीसा में फंसे हैं। इन प्रदेशों में फंसे 60 से 70 लोग कंट्रोल रूम में फोन कर चुके हैं। हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगने वालों का विवरण अलग रजिस्टर में दर्ज किया गया है। इसके अलावा जिले के कई लोग दूसरे जिलों में फंसे परिवारजन को लाने के लिए पास बनवाने के लिए भी कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं।
