राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के तत्वावधान में एकेके इंटर कालेज में एक दिवसीय उर्दू सेमीनार हुआ। इसमें बच्चों की तालीम व तरवियत पर महत्व डाला।
मुख्य अतिथि नासिर नकवी ने कहा बच्चों की परवरिश, उनके सोच विचार पर आसपास के माहौल और हालात व घटनाओं का एक अहम हिस्सा होता है। उनके मासूम जहनों पर यह चीजें नक्श हो जाती है। पहले दादी-नानी की कहानियां इस परवरिश और तरवियत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं। बच्चा स्कूल जाने लगता है तो दादी-नानी और वालेदेन के साथ उसके अध्यापक भी इस मिशन में शामिल हो जाते हैं और दादी-नानी की कहानियां किताबों में उसकी साथी हो जाती है। यही उम्र का वह हिस्सा होती है, जब बच्चों की सारी दिलचस्प और सबक आमोज कहानियों और नजमों की पुस्तकें दिल बहलाने के लिए दे दी जाती हैं। ताकि वह गलत दिशा में जाने से बचे रहें।
