पत्रकारों के हित में कानून बनायें सरकार -------- मुनीश उपाध्याय। अंतराष्ट्रीय प्रेस परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मुनीश उपाध्याय ने कहा है कि पत्रकारिता देश के चार मुख्य स्तम्भों में मुख्य स्तम्भ माना जाता है। परन्तु देश की आजादी से लेकर आज तक न जाने कितनी सरकारें आयीं और चली गयीं ।परन्तु आज तक किसी भी सरकार के कार्यकाल में किसी भी विधान सभा अथवा देश की सर्वोच्च सभा (लोक सभा) में देश के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता के हित में न तो कोई चर्चा ही की गयी और न ही कोई बिल ही प्रस्तुत किया गया है। जहां एक तरफ सरकारों द्वारा देश के तीन स्तम्भ न्यायपालिका,कार्यपालिका,व व्यवस्थापिका से जुड़े व्यक्तियों को पुर्ण सुरक्षा के साथ - साथ अन्य समस्त लाभकारी सुविधाएं प्रदान की जा रहीं हैं वहीं दूसरी और देश के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता की पुरी तरह से उपेक्षा की जा रही है। जबकि एक पत्रकार एसी में बैठ कर नहीं भयंकर सर्दी,गर्मी,बरसात,में भाग दौड़ करके देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहा है।इतना ही नहीं साथ ही पत्रकारों का खुला उत्पीड़न भी किया जा रहा है। माफियाओं द्वारा पत्रकार को धमकियां दिया जाना आम बात हो गयी है। सरकार के कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत मिलने पर केवल जांच के नाम कर मामले को लम्बें समय तक लटकाया जाता है तथा पत्रकार के विरुध प्रार्थना पत्र प्राप्त होते ही सीधे एफ आइ आर दर्ज कर जेल भेजा जाता है। आखिर भारत का संविधान क्या कहता है ? पहले जांच या गिरफ्तारी ! यदि जांच तो पत्रकार की सीधे गिरफ्तारी क्यों ? यदि गिरफ्तारी तो सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की गिरफ्तारी क्यों नहीं ? आखिर एक देश में दो अलग-अलग नियम क्यों ? पत्रकारों की ऐसी ही अनेक समस्याओं के सम्बन्ध में अंतराष्ट्रीय प्रेस परिषद के द्वारा पत्रकारों के सम्बंध में कानून बनाये जाने की मांग को लेकर एक मुहिम चलाई जा रही है।हमारी सरकार से मांग है कि जिन पत्रकारों के संबन्ध में जिला सूचना अधिकारी,जिलाधिकारी एसपी के नाम पत्र जारी हों ऐसे पत्रकारों को सरकारी मान्यता प्रदान की जाये,पत्रकार के विरुद्ध शिकायत मिलने पर सर्वप्रथम सरकारी अधिकारी की तरह जांच की जाये,मान्यता प्राप्त पत्रकार को 30000/-रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाये,सरकारी तर्ज पर पत्रकार व उसके परिजनों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाये, कवरेज करते समय मृत्यु होने पर अथवा हत्या होने पर पत्रकार के आश्रितों को दो करोड़ रूपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाये,सट्टेबाज,भूमाफियाओं,खनन माफियाओं,शराब माफियाओं के समाचारों का तत्काल संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाये तथा संज्ञान न लेने वाले अधिकारी के विरूद्ध संरक्षण देने के तहत कार्यवाही की जाये,पत्रकार को धमकी दिया जाना संज्ञेय अपराध माना जाये, प्रत्येक जनपद में मिडिया हाउस का निर्माण कराया जाये, प्रत्येक जनपद में प्रशासनिक अधिकारियों और पत्रकारों के मध्य प्रत्येक माह बैठक का आयोजन किया जाये। अंत में मुनीश उपाध्याय ने देश व प्रदेश के समस्त जनपदों ,नगरों ,तहसील स्तर के पत्रकारों से अधिक से अधिक पत्रकार के हित में अंतराष्ट्रीय प्रेस परिषद से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि अंतराष्टीय प्रेस परिषद प्रत्येक पत्रकार का संगठन है।संगठन की यह मुहिम प्रत्येक पत्रकार के हित में है। जो सड़क से लेकर न्यायपालिका तक चलायी जायेगी ।
पत्रकारों के हित में कानून बनायें सरकार -------- मुनीश उपाध्याय
By -Rajesh Kumar Siddharth
June 14, 2022
Rajesh Kumar Siddharth
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