कोरोना वायरस से जंग के बीच विषम परिस्थितियों में कुछ लोग उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं। खुद का रोजगार बंद होने के बावजूद कोटाबाग के कुछ युवा दूसरों के लिए कोरोना वारियर्स की भूमिका में खड़े हैं। पेशे से सिविल-मैकेनिकल इंजीनियर युवाओं ने कॉलेजों के छात्रों व समाजसेवियों के साथ मिलकर मलिन बस्तियों तक राहत सामग्री पहुंचाने का जिम्मा उठाया है।
कोरोना के खतरे ने गरीब एवं मजदूर वर्ग के सामने सबसे बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। ऐसे वक्त में सर्वाधिक जरूरतमंद भी यही वर्ग है। कोटाबाग के युवा इसी मुश्किल घड़ी में बड़ा सहारा बने हैं। ऐसा नहीं है कि इन युवाओं को सरकार या किसी संस्था से आर्थिक मदद मिल रही है। बल्कि लॉकडाउन के चलते इन युवाओं का रोजगार भी ठप है और सभी अपने घरों में ही हैं। आय का कोई बड़ा जरिया भी नहीं है। लेकिन अपनी कमाई और जेब खर्च को मिलाकर जरूरतमंदों के लिए राशन व अन्य जरूरत का सामान जुटाने का इनका जज्बा गजब का है।
